प्रयागराज महाकुंभ में भीषण आग: क्या यह वास्तव में हादसा है या लापरवाही?

प्रयागराज महाकुंभ मेले में एक बड़ा हादसा हुआ, जब सेक्टर 19 में आग लग गई। तेजी से फैलती इस आग ने दर्जनों टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि, प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया, लेकिन मेले में अफरा-तफरी मच गई।
आग लगने की घटना: हालात और प्रभाव
रविवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे, सेक्टर 19 में तुलसी मार्क पर रेलवे पुल के नीचे विवेकानंद सेवाती वाराणसी के शिविर में अचानक आग लग गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा सिलेंडर लीक होने की वजह से हुआ। आग की भयावहता को देखते हुए लोगों ने आसपास के शिविरों से सिलेंडरों को बाहर निकालना शुरू कर दिया।
कुछ ही पलों में आग ने 20 से 25 टेंटों को जलाकर राख कर दिया। अंदर से सिलेंडरों के फटने की आवाजें भी सुनाई दीं। दमकल की टीमें मौके पर पहुंच गईं, और क्षेत्र को सील कर दिया गया ताकि आग के फैलाव को रोका जा सके।
प्रशासन की कार्रवाई और मौजूदा स्थिति
आग बुझाने के लिए मुख्य फायर कैंप से चार बड़ी दमकल गाड़ियां और आठ बुल्ट टीमें रवाना की गईं। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है, और क्षेत्र को पूरी तरह खाली करा लिया गया है।
डीआईजी विभव कृष्ण और अन्य उच्च अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया। एम्बुलेंस और बीएसएफ की टीमें भी मौके पर मौजूद थीं। सौभाग्य से, इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री का दौरा और हालात पर काबू
इस घटना से कुछ घंटे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेलीकॉप्टर के जरिए महाकुंभ मेले का जायजा लिया था। प्रशासन की समय पर की गई कार्रवाई के कारण बड़े नुकसान को टाल दिया गया, और आग पर नियंत्रण पा लिया गया।
निष्कर्ष
प्रयागराज महाकुंभ की यह घटना लोगों के लिए एक भयावह अनुभव थी। लेकिन प्रशासन की सतर्कता और समय पर उठाए गए कदमों ने स्थिति को और बिगड़ने से बचा लिया। आग लगने के कारणों की जांच अभी भी जारी है, और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।