“दारुल उलूम देवबंद मजलिस शूरा बैठक: 6 अहम फैसले, 1 नया सदस्य”

देवबंद: विश्व प्रसिद्ध इस्लामी संस्था दारुल उलूम देवबंद की तीन दिवसीय मजलिस-ए-शूरा बैठक कई महत्वपूर्ण निर्णयों के साथ संपन्न हुई। बैठक में क़ासमी क़ब्रिस्तान के विस्तार, शैक्षिक सुधारों और प्रशासनिक मामलों सहित कई विषयों पर चर्चा की गई।
क़ासमी क़ब्रिस्तान के विस्तार का निर्णय
इस बैठक में सर्वसम्मति से क़ासमी क़ब्रिस्तान के विस्तार का फैसला लिया गया। दारुल उलूम से सटी हुई जमीन का एक हिस्सा क़ब्रिस्तान के लिए आरक्षित किया जाएगा। इस फैसले को दारुल उलूम के समर्थकों ने सराहा है।
नए शूरा सदस्य का चुनाव
मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी के निधन के बाद उनकी जगह मौलाना मुफ्ती खलील अहमद क़ासमी (अमीर-ए-शरीयत, पंजाब) को मजलिस-ए-शूरा का नया सदस्य चुना गया।
महत्वपूर्ण शैक्षिक और प्रशासनिक निर्णय
1. शिक्षकों की पदोन्नति और छात्रों की छात्रवृत्ति में वृद्धि
.2 परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए विशेष इनाम
3. छात्रावास में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को और प्रभावी बनाना
4.अनधिकृत व्यक्तियों के छात्रावास में ठहरने पर प्रतिबंध
5. छात्रों की गैर-हाजिरी पर सख्ती और 100% उपस्थिति को बढ़ावा देना
6. दारुल उलूम की संपत्तियों की सुरक्षा और शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने पर चर्चा
बैठक में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस बैठक में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी (महत्तमिम, दारुल उलूम देवबंद)
मौलाना सैयद अरशद मदनी (मुख्य शिक्षक)
मौलाना सैयद महमूद मदनी (अध्यक्ष, जमीयत उलेमा-ए-हिंद)
मौलाना बदरुद्दीन अजमल (पूर्व सांसद)
मुफ्ती इस्माइल कासमी, मौलाना मलिक इब्राहिम, मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना अनवरुर्रहमान बिजनौरी और अन्य प्रमुख विद्वान।
समापन
यह बैठक बुधवार दोपहर हकीम मौलाना कलीमुल्लाह अलीगढ़ी की दुआ के साथ संपन्न हुई।